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चक्काजाम की हकीकत

param aanand
param aanand
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चलो जल्दी चलो वंहा देखो उस बस ने टक्कर मारकर एक लड़के की जान ले ली ,
पहले भी यंहा ऐसी ही घटना हुई थी हम चुप नहीं बैठेंगे चक्का जाम कर देंगे क्या पैदल चलना भी गुनाह है ……
अरे भाई आज फिर नलों में पानी नहीं आया चक्काजाम करेंगे तभी समस्या हल होगी …..
….. ऐसी ही कई समस्यायों का एक ” समाधान ” चक्काजाम
क्या इस चक्काजाम से समस्या हल हो जाती है ? क्या उन बेगुनाहों के बारे में सोचा जाता है जो इस चक्काजाम में फंसकर अस्पताल नहीं जा पाते और रस्ते में ही उनकी जान निकल जाती है ! जो रोज कुआँ खोदकर पानी पीते हैं अमीरों की नौकरी करके अपना पेट भरते वे अपने काम के स्थान पर नहीं पहुँच पाते …. बच्चों की अचानक स्कूल की छुट्टी हो जाती है और एक दिन की पढाई मारी जाती है किसी का कोई कितना ही जरूरी काम हो पर सबसे महत्त्वपूर्ण ”चक्काजाम” लील जाता है सारे काम…. रास्ता बंद है उधर से घूम कर आओ या फिर इस चक्काजाम में आकर फंस जाओ ! मुश्किल अभी ख़त्म नहीं हुई है आगे नेता जी धरने पर बैठे हैं उनके समर्थक सड़क को रोके हैं , चलो और घूम कर चलते हैं सरकार ने और भी रास्ते बनाये हैं ……. अरे शायद गाड़ी का तेल ख़त्म हो गया…. अगली गली में जाने के लिए पांच किलोमीटर गाड़ी जो चलाई है ….. लगता है बारात आ रही है,,,” अरे नहीं मियां एक पार्टी धरने पर बैठी है तो क्या हम रैली नहीं निकालेंगे,, वर्ना हमारी पार्टी में इमेज ख़राब नहीं हो जाएगी जवाब नहीं दिया तो हमें टिकट कैसे मिलेगा ….. अरे इन सब बातों में, मैं क्यों उलझ गया मुन्ने को बुखार है मैं पास वाली मेडिकल पर दवाई लेने आया था पर आज पास वाली मेडिकल इतना दूर क्यों चली गई !

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